Categories: मुक्तक
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राम, राम, राम तु रटते जा
राम, राम, राम तु रटते जा मन से मन की विकार तु हटाये जा राम से ही जन्मों का पाप धुलता राम से ही राम…
अहिल्या पत्थर बनायी जाती है
अहिल्या पत्थर बनायी जाती है —————******—————— करनी किसी की भी हो,सतायी नारी जाती है । हवस हो इन्द्र की,अहिल्या पत्थर बनायी जाती है ।। युग…
उम्र लग गई
ख्वाब छोटा-सा था, बस पूरा होने मे उम्र लग गईं! उसके घर का पता मालूम था , बस उसे ढूंढने मे उम्र लग गईं !…
बना दो बिगड़ी सबकी मेरे सरकार
बना दो बिगड़ी सबकी मेरे सरकार सब सर नवाते हैं, तेरे दर पर मेरे राम कोई तुझसे क्या माँगे, तुम किसी को क्या देते हो…
बूंद बूंद बूंदें।
बूंद बूंद बूंदें बूंद बूंद बूंदें बूंद बूंद बरसती है , आंखों से मेरी । तूने क्यों की रुसवाई , जज्बातों से मेरे। बूंद बूंद…
बहुत सुन्दर
धन्यवाद गीता जी