बूढ़ा बरगद
तुम्हें याद है वह बूढ़ा बरगद?
जिसके तले हम सपने सँजोते थे
कल्पनाएं करते थे।
अपने भविष्य की अनगिनत
और एक दूसरे के कंधे पर
सर रखकर रो लेते थे।
तुम्हें याद है मेरे पास आना
मुझे देख कर शर्माना?
मेरे शरारत करने पर
मुझसे दूर भाग जाना।
तुम्हें याद है वह बूढ़ा बरगद?
जिसके तले हम शामें बिताते थे।
वाह
🙏
Waah
🙏
👌👌
🙏🙏
Good
वाह! सर, बहुत सुंदर