“बेजुबानों की कुर्बानी”
बेशक मनाओ
त्योहार तुम
दिल खोलकर करो
नववर्ष का स्वागत
पर शराब, बकरी, मुर्गों आदि
जीवों के जीवन का अन्त करके
किस प्रकार मना सकते हो तुम आन्नद !!
कल तुम तो देखोगे अपने जीवन का
नवल प्रभात पर
उन बेजुबान जानवरों का अन्त
तो तुमने अपने भोग-विलास में
कर दिया,
वह नववर्ष का सूर्य कहाँ देख पाएगे ??
तुम्हारे धूमधड़ाके के और दोस्त यारों की
पार्टी में जाने कितने
बेजुबान शहीद हो जाएगे
किसी का जीवन लेने का तुमको
किसने अधिकार दिया ??
तुम तो देखोगे नवल वर्ष पर
यह हक तुमने कितनों से छीन लिया !!!!
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Geeta kumari - January 1, 2021, 7:36 am
क्षुधा मिटाने की खातिर,
निर्दोषों को है मारा,
कैसा है शैतान वो मानव,
जीवों ने लगाया है नारा
क्षुधा मिटाने की खातिर
कुदरत ने फल, फूल बनाए हैं
फिर जीवों को क्यूं मारा जाए
वो भी तो कुदरत से आए हैं
Sandeep Kala - January 1, 2021, 5:13 pm
🙏🙏🙏
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - January 1, 2021, 7:37 pm
वाह वाह
vivek singhal - January 1, 2021, 8:43 pm
वाह वाह, अति उत्तम