Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
बेटी पढाओ अपनी शान बढाओ
कोमल हमेशा अपने माता पिता से डाट फटकार सुना करती थी। जबकि कोमल आठवीं कक्षा के छात्रा थी। पढ़ने लिखने में अपनी क्लास में अव्वल…
बेटियां
बेटियां रोशन हर घर जहां जन्म लेती हैं बेटियां 👩🎓 🧑होती हैं दो कुलों की रक्षक यह बेटियां 👩🔬 घर-भर की रौनक ये खिलखिलाती बेटियां👩🚒…
पिता
एक पिता आख़िर पिता होता है.. जीवन की छाया ख़ुशियों का साया पिता जो हो तो जीने में अलग अंदाज़ होता है पिता हर घर…
ऐसी होती हैं बेटियां
नव वर्ष की उमंग सी होती है बेटियां, संगीत की तरंग सी होती है बेटियां मां-बाप के हर दर्द में रोती हैं बेटियां, सागर से…
बहुत खूब
thanks sir
बेटियों पर बहुत सुंदर पंक्तियां
Thanks sir
nice
thanks
बेटियों पर यथार्थ लिखा है आपने, बहुत खूब
Thanks sir
बहुत खूब
बेटियाँ घर का चिराग होती हैं, हर सुख रूपी गायन का राग होती हैं । माता -पिता के सुखी जीवन का भाग होती हैं, हो, जब बिछङन अपनों तो रोती हैं | बेटियाँ घर का चिराग होती हैं |
हृदय को छूती पंक्तियां कुछ ऐसी होती हैं बेटियां
Thanks Pragya ji