बेरोजगार की हालत कब सुधरेगी
बेरोजगार की हालत
कब सुधरेगी,
कैसे सुधरेगी,
कब बनेंगी नई नीतियाँ।
कब खुलेंगी खूब भर्तियां।
कोचिंग कर चुके
नौजवान को
कब मिलेगा परीक्षा देने का मौका
कब चलेगा उनका
चूल्हा चौका।
परीक्षा कोई पास कर पाए
या नहीं कर पाये
लेकिन पद तो आएं
परीक्षा तो हो,
निजी क्षेत्र की हो
या सार्वजनिक क्षेत्र की हो
लेकिन रोजगार की नीति तो हो।
परम्परागत शिक्षा के स्थान पर
आम आदमी की पहुँच तक
तकनीकी शिक्षा तो हो।
कुछ न हो लेकिन
युवाओं के लिए सही दिशा तो हो।
बहुत सुंदर कविता
बहुत बढ़िया
बहुत खूब
“निजी क्षेत्र की हो या सार्वजनिक क्षेत्र की हो
लेकिन रोजगार की नीति तो हो।”
_______बेरोजगारी की ज्वलंत समस्या पर प्रकाश डालती हुई,यथार्थ तथ्यों पर आधारित कवि सतीश जी की बेहद सुन्दर और सटीक कविता