भजन
मुझ शरणागत की रख ले लाज प्रभु।
मैं दर तेरे पे आया हूँ देखो आज प्रभु।।
तुमने कितने पापी तारे नाम गिनाया जा नहीं सकता।
जो भी तेरे दर पे आता खाली झोली जा नहीं सकता।।
तेरा रंक भगत भी पाया तख्त- ओ-ताज प्रभु।
मैं दर तेरे पे आया हूँ देखो आज…………
ना मांगू मैं धन और दौलत ना चांदी न सोना।
विनयचंद को देदे दाता मन मंदिर का कोना।।
नहीं निज भक्तों से होते नहीं नाराज प्रभु।
मैं दर तेरे पे आया हूँ देखो आज……….
सुन्दर
Wah
Good
Nice
भाव भरी