Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
निर्झर झरता गीत
यह गीत धरा का धैर्य गर्व है, नील–गगन का यह गीत झरा निर्झर-सा मेरे; प्यासे मन का …. यह गीत सु—वासित् : चंदन–वन…
फ़िर बतलाओ जश्न मनाऊँ मैं कैसी आजादी का
आतंकी की महिमा मंडित मंदिर और शिवाले खंडित पशु प्रेमी की होड़ है फ़िर भी बोटी चाट रहे हैं पंडित भ्रष्टों को मिलती है गोदी…
गाऊँ गीत मनाऊँ होली
गाऊँ गीत मनाऊँ होली खुशी मनाऊँ मन ही मन रंग की रौनक जहाँ तहाँ हो खूब सजाऊँ अपना तन। लाल व पीले, हरे, गुलाबी सारे…
प्यारे दोस्तों
( मेरे प्यारे दोस्तो ) दोस्तो मेरे दिल को आबाद मत करना जीने को मिली सॉसे बर्बाद मत करना ना खेलना तुम मेरे भावनाओ से…
होली के रंग बिरंगे ख़ूबसूरत पर्व पर रंगों का इन्द्र धनुषी सौन्दर्य बिखेरती हुई बहुत ही सुन्दर और शानदार कविता। सुंदर लय और सुंदर भाव, लिए हुए बहुत ही सुन्दर रचना
वाह 🙏
होली के रंग बिखेरती
बहुत सुंदर रचना
कमाल की रचना
वाह बहुत बढ़िया रचना
बहुत खूब
गाऊँ गीत, भरूँ रंग मन में
होली मनाऊँ, प्रीतम संग में।
लाल रंगाऊँ प्रीति की चोली
पीत-हरे से खेल लूँ होली।
रंग उड़ाओ मारो न बोली
आओ ना हम संग खेलो होली।
तन मन रंगों से भरपूर रंग दो..
रंगों के त्योहार पर बहुत ही शानदार व उच्चकोटि की रचना