*भाई-दूज का टीका है*

भाई-दूज का टीका है,
जला दीप भी घी का है
भाई-बहन का पावन प्यार,
जाने है सारा संसार
मात-पिता के बाद भी
मायके में भाई-भाभी,
देते स्नेह लाडली को
भाई ना हो तो सब फीका है
आज भाई दूज का टीका है
बचपन में भाई-बहन,
मिल बांट के खाया करते थे
ससुराल में भी, वही आदत रही
सब मायके से ही सीखा है,
आज भाई दूज का टीका है
जला दीप भी घी का है
गोलों पर टीका करके,
शुभ मनाती भाई का
देखो बहन चली मायके,
रोली, मौली सब लेकर
जला दीप घी का है,
आज भाई दूज का टीका है।।

*****✍️गीता

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Responses

  1. आपने तो पूरे भाई दूज के दर्शन ही करा दिये..
    कुछ ऐसा ही होता है यह प्यार

      1. हो ललाट चौड़ा अपना
        केसर सिक्त अंगुगिया तेरी।
        विनयचंद गीता बहन ने
        कर दी भरदुतिया तेरी।।

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