Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-9
दुर्योधन भले हीं खलनायक था ,पर कमजोर नहीं । श्रीकृष्ण का रौद्र रूप देखने के बाद भी उनसे भिड़ने से नहीं कतराता । तो जरूरत…
भोजपुरी देबी गीत 2 – दे दा चरनिया शरनिया |
भोजपुरी देबी गीत 2 – दे दा चरनिया शरनिया | दे दा चरनिया शरनिया माई बिनती करजोरिया | शेरवा चढ़ी आवा माई ओढ़ी लाली चुनरिया…
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-10
दीर्घ कविता के इस भाग में दुर्योधन के बचपन के कुसंस्कारों का संछिप्त परिचय , दुर्योधन द्वारा श्रीकृष्ण को हरने का असफल प्रयास और उस…
होलिका दहन की बात बताती रचना
सच की जीत हुई और बुराई की हार हुई
यही होली मनाने की मंशा है
होलिका बुआ का दहन और प्रहलाद का बाल भी बांका ना हुआ
यही बताती है आपकी कविता
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होली पर बहुत ही सुंदर रचना होली किस लिए मनाई जाती है इस प्रश्न का उत्तर आपने दे दिया है
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