भारतीय त्योहार- “होलिका दहन”

“होली का त्यौहार”
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होली में जल गए
सभी के दुख और कलेश
चूनर ओढ़ी थी बुआ ने
जा लिपटी विष्णु भक्त के
बैरी जलकर भस्म हुए
बच गए भक्त प्रह्लाद
विष्णु ही सत्य है एक
कहता है होली का त्यौहार
मिट जाए सबके कलेश
फैले चारों और सौहार्द
मिल जुलकर रहना सिखलाता है
होली का त्यौहार।।

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जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

  1. होलिका दहन की बात बताती रचना
    सच की जीत हुई और बुराई की हार हुई
    यही होली मनाने की मंशा है
    होलिका बुआ का दहन और प्रहलाद का बाल भी बांका ना हुआ
    यही बताती है आपकी कविता

  2. होली पर बहुत ही सुंदर रचना होली किस लिए मनाई जाती है इस प्रश्न का उत्तर आपने दे दिया है

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