भोजपुरी पर्यावरण गीत – पेड़वा बिना |
भोजपुरी पर्यावरण गीत – पेड़वा बिना |
जइसे तड़पेले जल बिना मछरी ना हो |
तड़पे छतिया धरती पेड़वा बिना |
गावे ना गोरिया सावन बिना कजरी ना हो |
सतावे बरखा रतिया गोरी सजना बिना |
महल अटारी मिलवा बनवले वनवा उजारी |
पेड़वा के काटी काटी धरती दिलवा दुखाई |
बरसेला बदरा कबों दुनिया ना हो पेड़वा बिना |
बाची कईसे धरती पेड़वा ना लउके कही |
जीव जन्तु पशु पक्षी बचावे जान भऊके कही |
बची ना धरती अब आदमी के जतिया ना हो
पेड़वा बिना |
चीरइ क चह चह कोइलर कुहु ना सुनाला कही |
झरना क झर झर पवनवा सर सर ना दिखाला कही |
जिये खातिर मिले नाही हवा नकिया ना हो ,
पेड़वा बिना |
चाही हरियाली यदी धरती पेड़वा लगावा सभे |
जल जंगल जमीन मिली परती बचावा सभे |
मिलीहें ठंडी ठंडी पवन पुरवईया ना हो ,
पेड़वा बिना |
जइसे तड़पेले जल बिना मछरी ना हो |
तड़पे छतिया धरती पेड़वा बिना |
श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक / गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड ,मोब -9955509286
पर्यावरण संरक्षण पर बहुत ही सुंदर विचार
हार्दिक आभार आपका
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
हार्दिक आभार आपका पंडित जी
भोजपुरी में पर्यावरण रचना की प्रस्तुति बहुत ही उम्दा है।
दिल से आभार आपका