Categories: शेर-ओ-शायरी
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
” बड़ी फ़ुरसत में मिला मुझ से ख़ुदा है…”
मेरी सांसो में तू महकता हैँ क़ायनात – ए – ग़ैरों में तू ही अपना लगता हैँ 1 . होंठों की ख़ामोशी समझा…
जिस्म में शामिल रूह का आज खुलासा देखिये
जिस्म में शामिल रूह का आज खुलासा देखिये, खुद ही इस भीड़ में घुस कर आप तमाशा देखिये, बदल सकता है तस्वीर जो इस सारे…
महफिल
महफिल ———- महफिल में हंसते चेहरे भी. … अक्सर बेचैन से रहते हैं, वह हंसते-हंसते जीते हैं आंसुओं को भीतर पीते हैं। महफिल में रौनक…
Nice
धन्यवाद
Good
धन्य
Nice
धन्यवाद
😀
धन्यवाद
A-1
धन्यवाद
वाह बहुत सुंदर