मत बांधों मेरी नाव को….

कहाँ गई वो दानवीर कर्ण की संतानें ???
*****************************
____________________________
मत बाँधो मेरी नाव को
तैरने दो
इसे पीर के विशाल सागर में
भर गया है जो
इन दिनों पीड़ितों की
दयनीय दशा देखकर
चौराहों पर अध कटे हाँथों से
भीख मांगते लोगों को देखकर
नहीं निगाह करते
बगल से गुज़र जाते हैं
जो देखते भी हैं
हँस के चले जाते हैं
कहाँ गई वो दानवीर कर्ण की संतानें?
कहाँ गई वो संवेदनाएँ?
क्या ये संवेदनाएँ सिर्फ
कवि की कविताओं तक ही सीमित हैं
या हकीकत की जमीन पर भी है
उनका कुछ वजूद…!!!

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

कोरोनवायरस -२०१९” -२

कोरोनवायरस -२०१९” -२ —————————- कोरोनावायरस एक संक्रामक बीमारी है| इसके इलाज की खोज में अभी संपूर्ण देश के वैज्ञानिक खोज में लगे हैं | बीमारी…

Responses

+

New Report

Close