ममता की छांव
तेरे कांधे पे सर रख, रोना चाहता हूं मां।
तेरी गोद में सर रख, सोना चाहता हूं मां।
तू लोरी गाकर, थपकी देकर सुला दे मुझे,
मैं सुखद सपनों में, खोना चाहता हूं मां।
तेरी गोद में सर रख, सोना चाहता हूं मां।।
इतना बड़ा, इतनी दूर न जाने कब हो गया,
तेरा आंचल पकड़कर, चलना चाहता हूं मां।
तेरी गोद में सर रख, सोना चाहता हूं मां।।
जीने के लिए, खाना तो पड़ता ही है,
तेरे हाथों से भरपेट, खाना चाहता हूं मां।
तेरी गोद में सर रख, सोना चाहता हूं मां।।
जिंदगी का बोझ, अब उठाया जाता नहीं,
बस्ता कांधों पर फिर, ढोना चाहता हूं मां।
तेरी गोद में सर रख, सोना चाहता हूं मां।।
जिंदगी की भाग दौड़ से, थक गया हूं अब,
बचपन फिर से मैं, जीना चाहता हूं मां।
तेरी गोद में सर रख, सोना चाहता हूं मां।।
जिंदगी के थपेड़े, बहुत सह चुका ‘देव’,
ममता की छांव में, पलना चाहता हूं मां।
तेरी गोद में सर रख, सोना चाहता हूं मां।।
देवेश साखरे ‘देव’
बहुत खुब
धन्यवाद
बहुत खूब
शुक्रिया
वाह वाह
धन्यवाद
Good
Nice