Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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मैं बस्तर हूँ
दुनियाँ का कोई कानून चलता नहीं। रौशनी का दिया कोई जलता नहीं। कोशिशें अमन की दफन हो गयी हर मुद्दे पे बंदूक चलन हो गयी॥…
दोस्ती से ज्यादा
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
वन डे मातरम्।।
गणतंत्र है हम देश सबका। आते इसमें हम सारे हर जाती हर तबका।। सोई हुई ये देशभक्ति सिर्फ दो ही दिन क्यूँ होती खड़ी।…
“वे”
आकाश से आती हैं जेसे ठंडी ठंडी ओस की बुंदे। नन्हे नन्हे बच्चे आते हैं आँखे मूंदे।। इन बूंदों को सँभालने वाली वो कोमल से…
मेरे पिता मेरी अभिव्यक्ति।।
इस बार बादलो को खोजा हैं पहले खुद छा जाते थे इस बार शब्दों को ढूंढा है पहले खुद आ जाते थे बेतुके से लगने…
great dear
Mail Dharti Aasmaan kaa.. ..lag rha tha swaragnooma..beautiful one…
Good