मस्त हवाओं के हवाले से मैं तेरा पैगाम लेता हूँ

मस्त हवाओं के हवाले से मैं तेरा पैगाम लेता हूँ,
जब दिल चाहे मेरा तुझसे मैं तेरा सलाम लेता हूँ,
बसा लेता हूँ तेरा चेहरा मेरी आँखों में कुछ इस तरह,
के फिर इन आँखों से मैं अपनी न कोई और काम लेता हूँ।।
– राही(अंजाना)
वाह