Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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प्यार अंधा होता है (Love Is Blind)( Last Part)
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
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सको तो चलो………..
हमारे साथ कदम से कदम मिला चल सको तो चलो के इस इश्क़ में कुछ देर ठहर सको तो चलो बहुत ही हौसला चाहिए, इस…
Reality is zero and your poem is universal truth. JAY RAM JEE KI
Thanks
बहुत सटीक कथन व सुन्दर रचना, सभी को केवल साहित्य सृजन की ओर बढ़ना चाहिए।
कविता की इतनी सुंदर और सटीक समीक्षा करने के लिए और कविता का मर्म समझने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद कमला जी हार्दिक आभार
कवि गीता जी की बहुत सुन्दर, और सटीक रचना है यह। लेखनी का अभिवादन। भाव, भाषा व शिल्प का बेहतरीन तालमेल
कविता की सुंदर और सटीक समीक्षा के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सतीश जी, बहुत-बहुत आभार, अभिवादन सर
वाह, बहुत ही सच्ची बात लिखी है आपने
बहुत-बहुत धन्यवाद पीयूष जी
बहुत खूब
हार्दिक आभार चंद्रा जी
महफ़िल का माहौल
इस कदर न बिगाडिए
किसी पर यूॅं कीच न उछालिए
खुद के गिरेबां में
ग़र झाॅंक सको तो ठीक
वरना किसी और पर यूॅं,
तोहमत तो ना लगाइए l
उत्तम लेखन सही बात कही
खुद के गिरेबान में झांकने की आवश्यकता होती है दूसरे पर उंगली उठाने से पहले…
Thanks for your nice compliment