माँ मैं तेरी लाडली
जीवन की अभिलाषा है
तू ही हार तू ही आशा है
मैं बढ़ जाती हूँ जानबूझ कर
तेरी गोद में सर को रख कर
मिलता कितना सन्तोष मुझे
व्यक्त नहीं कर सकती हूँ
माँ मैं तेरी लाडली हूँ ।
जीवन जब भी हारूँगी
तुझको ही मैं पुकारूंगी ।
आ जाना तू राह दिखाने
मेरे जीवन में प्रकाश फैलाने।
माँ मैं तेरी लाडली हूँ ।
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