Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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वन डे मातरम
स्वतंत्र हैं हम देश सबका। आते इसमें हम सारे हर जाती हर तबका।। सोई हुई ये देशभक्ति सिर्फ दो ही दिन क्यूँ होती खड़ी। एक…
वन डे मातरम्।।
गणतंत्र है हम देश सबका। आते इसमें हम सारे हर जाती हर तबका।। सोई हुई ये देशभक्ति सिर्फ दो ही दिन क्यूँ होती खड़ी।…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
मैं हूँ नीर
मैं हूँ नीर, आज की समस्या गंभीर मैं सुनाने को अपनी मनोवेदना हूँ बहुत अधीर , मैं हूँ नीर जब मैं निकली श्री शिव की…
dhanyawad
Nice
वाह
जय माँ शारदे