माँ
माँ
माँ! तुम बहुत याद आती है,
जब मै अकेले मे होता ,
आपका चेहरा नजर आता आँसु को रोक ना पाता ।।
मेरी अब ख्वाहिश है एे खुदा,
मै फिर से माँ के पास आ जाऊ, माँ के आँचल मे इस तरह लिपट जाऊ।
कि मै फिर से न्नहा हो जाऊ।
माँ !!
तेरी ही खुशी के खातिर–
अब मै चल रहा हूँ सही रास्तो पर तेरे भी कुछ सपने होगे
खंडर जैसे मंजिल को सजाने की।।
ज्योति
mob no 9123155481
Waah
Nice
मां पर बहुत खूब लिखा है
वाह वाह