मां सरस्वती
हे मां शारदे करो मेरा अभिनन्दन स्वीकार,
अज्ञानता को दूर कर करो मातृ हम पर उपकार।
हाथ जोड़ विनती करूं शीश झुका करूं प्रणाम,
नव कण्ठ स्वर चेतना का भर दो मां शारदे भण्डार।।
✍महेश गुप्ता जौनपुरी
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Pragya Shukla - June 21, 2020, 6:07 pm
👏👏
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - June 21, 2020, 7:20 pm
Nice
Abhishek kumar - July 10, 2020, 11:19 pm
त्रुटियाँ हैं पर भाव अच्छे हैं
Abhishek kumar - July 31, 2020, 2:42 am
👏👏