Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Related Articles
नित शाखें प्यार की हैं झूमती
“**मित्रता के तख्त पर”** मधुर प्रातः स्मरण “ नित शाखें प्यार की हैं झूमती , हर जिंदगी के. दरख्त पर । हर सुवह शाम की…
धुर सुवह का प्यार मित्रो
मधुर सुवह का प्यार मित्रो , मधुर सुवह का प्यार । नहीं मित्रता से बढ़ कोई , है कोई उपहार । सदा मित्रता भाव हृदय…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
दुआएं सुबह करें ,शाम करें
दुआएं सुबह करें ,शाम करें , प्यार कुछ मित्रता के नाम करें । अपने हर मित्र का भला चाहें , जिंदगी मित्रता का धाम करें।…
सुवह
सुवह सुवह ये गुनगुनी सी , धूप रूप की , लगी है सेंकने ये , शीत -थरथराए तन । उमग जगाने लगी , मन में…
wonderful lines… refreshing as usual
Waah
Good