*मिलन*
*****कल रात*****
शनि का बृहस्पति से हुआ मिलन,
चार सौ वर्षों के बाद,
दो दोस्तों की दूरी मिटी,
दोनों ने किया आलिंगन
चार सौ वर्षों के बाद
ख़ुश हो रहे हैं तारे सभी,
ख़ुश हो रहा है गगन
चार सौ वर्षों के बाद
मन में प्रेम हो तो होता है मिलन,
फ़िर मिलन हो भले ही,
चार सौ वर्षों के बाद
अर्धचंद्र चमक रहे हैं,
नभ की छटा निराली है
अद्भुत दिख रहा है गगन,
चार सौ वर्षों के बाद
1623 में मिले थे,
मिल रहे हैं अभी
फ़िर मिलेंगे कह कर गए हैं,
ना जाने मिलेंगे अब कभी
शनि-बृहस्पति की इतनी करीबी,
है शुभ समाज के लिए
शुभ घड़ी देखो चली आई,
चार सौ वर्षों के बाद
दोनों ग्रहों को साथ-साथ है नमन,
चार सौ वर्षों के बाद
_____✍️गीता
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Pragya Shukla - December 22, 2020, 3:31 pm
Bahut khoob
Geeta kumari - December 22, 2020, 10:20 pm
Thank you Pragya
Seema Chaudhary - December 22, 2020, 6:33 pm
“मन में प्रेम हो तो होता है मिलन,फ़िर मिलन हो भले ही,
चार सौ वर्षों के बाद”
वाह गीता जी दो ग्रहों का इतना सुंदर मानवीकरण किया है आपने ।
एक खगोलीय घटना का इतना अनूठा चित्रण, लाजवाब
Geeta kumari - December 22, 2020, 10:21 pm
धन्यवाद सीमा जी
Virendra sen - December 22, 2020, 9:51 pm
दो ग्रहों के मिलन का सुंदर चित्रण
Geeta kumari - December 22, 2020, 10:21 pm
समीक्षा हेतु बहुत आभार सर
Sandeep Kala - December 23, 2020, 10:04 pm
शानदार
Geeta kumari - December 24, 2020, 3:16 pm
धन्यवाद संदीप जी
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - December 24, 2020, 3:08 pm
अतिसुंदर
Geeta kumari - December 24, 2020, 3:16 pm
बहुत-बहुत धन्यवाद भाई जी🙏