मुक्तक
मेरा नसीब मुझसे क्यों रूठ गया है?
राहे-मंजिल से रिश्ता टूट गया है!
यादें सुलग रहीं हैं पलकों में लेकिन,
तेरा दामन हाथों से छूट गया है!
मुक्तककार – #महादेव’
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Ajay Nawal - October 3, 2016, 7:49 pm
bahut khoob
Kanchan Dwivedi - March 8, 2020, 4:56 am
Bahut khoob
Pragya Shukla - April 8, 2021, 11:08 pm
Very nice poetry