मुक्तक

खामोश नजरों के नजारे बोलते हैं!
खामोश लहरों के किनारे बोलते हैं!
मुश्किल है कह देना लबों से चाहत को,
खामोश कदमों के इशारे बोलते हैं!

मुक्तककार- #महादेव'(23)

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