मुक्तक

तेरी जुल्फ से खुद को आजाद करूँ कैसे?
तेरी तमन्नाओं को बरबाद करूँ कैसे?
कदमों को रोक देती है आहट जख्मों की,
तेरी आरजू की मैं फरियाद करूँ कैसे?

मुक्तककार- #महादेव’

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