मुक्तक

आज भी यादों का ग़ुबार है दिल में!
आज भी ख्वाबों का संसार है दिल में!
दर्द है जिन्दा अभी जुदाई का मगर,
आज भी चाहत का बाजार है दिल में!

मुक्तककार -#मिथिलेश_राय’

Related Articles

करार

किसी की जीत या किसी की हार का बाजार शोक नहीं मनाता। एक व्यापारी का पतन दूसरे व्यापारी के उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है।…

मुक्तक

अभी तेरी आरज़ू का ग़ुबार है दिल में। अभी तेरी यादों का संसार है दिल में। ख़ौफ भी रुसवाई का मौजूद है लेकिन- अभी तेरे…

Responses

New Report

Close