मुक्तक

तेरे लिए हम तन्हा होते चले गये!
तेरे लिए हम खुद को खोते चले गये!
पास जब भी आयी है यादों की चुभन,
तेरी ही चाहत में रोते चले गये!

#महादेव_की_मुक्तक_रचनाऐं’

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

कैसे होते हैं……!

कैसे होते हैं……! ——————————— कोई पहचान वाले अनजान कैसे होते हैं जानबूझ कर कोई नादान कैसे होते हैं बदलता है मौसम वक़्त और’लम्हें सुना हेै–…

Responses

New Report

Close