मुक्तक

प्यार का इज़हार होने दीजिए।
गुल चमन गुलजार होने दीजिए।
खास हो एैसा ही, कोई पल दे दो,
वक्त को हम – राज होने दीजिए।

योगेन्द्र कुमार निषाद
घरघोड़ा ,छ०ग०

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