Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Mithilesh Rai
Lives in Varanasi, India
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
मुक्तक
वो दर्द वो खामोशी का मंजर नहीं बदला! तेरी अदा-ए-हुस्न का खंजर नहीं बदला! शामों-सहर चुभते रहते हैं तीर यादों के, मेरी तन्हाई का वो…
वह रहने वाली महलों में, मैं लड़का फुटपाथ का ।
वह रहने वाली महलों में, मैं लड़का फुटपाथ का । उसकी हर एक अदा पे मरना यही मेरा जज्बात था । वह रखने वाली टच…
शायरी संग्रह भाग 1
मुहब्बत हो गयी है गम से, खुशियाँ अच्छी नहीं लगती। पहले दुश्मन मुहब्बत करते थे, अब दोस्त नफरत करते हैं।।1।। विकास कुमार कमति.. बदलते…
नई सहर
रौशनी की किरण आई नजर, कभी तो आएगी नई सहर । कभी तो गम का अंधेरा हटेगा, कभी तो आएगी खुशियों की लहर । स्याह…
वाह