मुक्तक

लकड़ी जली, कोयला हुई
कोयला जला, राख रही
अग्नि परीक्षा सीता की
राम जी की साख रही

२७.०९.२०२०

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लकड़ी जली, कोयला हुई कोयला जले, राख रही अग्नि परीक्षा सीता की हुई राम जी की साख रही १७.०५.२०२०

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

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