मुझ में मधुमास

तू रंग कैसा लगा गया है
मुझ में तो
मधुमास सा आ गया है।
ये पीले-पीले व लाल फूलों
से मेरा तन-मन सजा गया है।
खिला के भीतर के फूल मेरे
रंगों का उपवन सजा गया है।
वो कह रहा है कि होली आई
होली से पहले रंगा गया है।

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जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

  1. खिला के भीतर के फूल मेरे
    रंगों का उपवन सजा गया है।
    वो कह रहा है कि होली आई
    होली से पहले रंगा गया है।
    ________होली के पर्व से पूर्व होली के रंगों की वर्षा करती हुई कवि सतीश जी की अति सुन्दर कविता। सुन्दर शिल्प और लाजवाब अभिव्यक्ति

  2. तू रंग कैसा लगा गया है
    मुझ में तो
    मधुमास सा आ गया है।
    ये पीले-पीले व लाल फूलों
    से मेरा तन-मन सजा गया है।
    खिला के भीतर के फूल मेरे
    रंगों का उपवन सजा गया है।
    वो कह रहा है कि होली आई
    होली से पहले रंगा गया है।
    बेहद शानदार प्रस्तुति

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