मुहब्बत
मुहब्बत इस जिंदगी की
खूबसूरती है,
बिना मुहब्बत के
सब कुछ शून्य सा ही है।
मुहब्बत जीने का जरिया है
मुहब्बत निर्मल सी दरिया है
मुहब्बत जीवन भवन स्तम्भ की
मजबूत सरिया है।
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Geeta kumari - September 27, 2020, 3:43 pm
वाह सर, जीने का जरिया, निर्मल सा दरिया…सुंदर शब्दों का चयन और लय बद्ध शैली आपके काव्य की विशेषता रही है । उपमा अलंकार से सुसज्जित बहुत ही सुन्दर कविता है सतीश जी ।कवि की लेखन शैली को अभिवादन ।
Satish Pandey - September 27, 2020, 6:44 pm
सादर धन्यवाद गीता जी, आपकी समीक्षा शक्ति अदभुत है। सादर अभिवादन
Geeta kumari - September 27, 2020, 8:13 pm
🙏🙏
Chetna jankalyan Avam sanskritik utthan samiti - September 27, 2020, 8:44 pm
Bahut khoob
Satish Pandey - September 29, 2020, 10:49 pm
Thank you
Devi Kamla - September 27, 2020, 8:49 pm
मुहब्बत जीने का जरिया है
वाह वाह पाण्डेय जी
Satish Pandey - September 29, 2020, 10:50 pm
बहुत बहुत धन्यवाद
MS Lohaghat - September 30, 2020, 8:09 am
सच्ची बात है
Satish Pandey - September 30, 2020, 8:24 am
धन्यवाद
Piyush Joshi - September 30, 2020, 8:11 am
बहुत खूब
Satish Pandey - September 30, 2020, 8:25 am
बहुत बहुत धन्यवाद