मुहोब्बत अगर साफ पानी से होगी
वफ़ा कीजिए खुद वफ़ा ही मिलेगी,
धोखे से बस बेवफाई मिलेगी।
मुहोब्बत अगर साफ पानी से होगी,
दिल ए गंदगी को , जगह ना मिलेगी।
सड़क धूल से, इस कदर जब भरी हो,
पांवों को निर्मल, वफ़ा ना मिलेगी।
सदा कोसते हम रहे दुश्मनों को
मगर इससे कोई दिशा ना मिलेगी।
— डॉ0 सतीश पाण्डेय
लगातार अपडेट रहने के लिए सावन से फ़ेसबुक, ट्विटर, इन्स्टाग्राम, पिन्टरेस्ट पर जुड़े|
यदि आपको सावन पर किसी भी प्रकार की समस्या आती है तो हमें हमारे फ़ेसबुक पेज पर सूचित करें|
Devi Kamla - October 16, 2020, 11:08 am
वाह वाह, बहुत खूब
MS Lohaghat - October 16, 2020, 1:46 pm
बहुत खूब कवित्त्व
Geeta kumari - October 16, 2020, 2:21 pm
बहुत सुंदर रचना,अति सुंदर भाव एवम् प्रस्तुति
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - October 17, 2020, 8:38 pm
बहुत खूब