मुहौब्बत अगर आप सच में करें
मुहौब्बत अगर आप सच में करें तो
मुहौब्बत में ईश्वर की छाया दिखेगी,
दिखावा नहीं माँगती है मुहौब्बत,
मुहौब्बत में सच की कहानी मिलेगी।
सच्ची मुहौब्बत में धोखा करे जो,
इंसान कहने के काबिल नहीं वो,
रुलाये बिना बात के प्रिय को जो
प्रीतम कहाने के काबिल नहीं वो।
विश्वास सबसे बड़ा जिन्दगी में
अगर हो न विश्वास फिर क्या मुहौब्बत,
रखो एक – दूजे में विश्वास पूरा
सच में उसे ही कहेंगे मुहौब्बत।
न रोना है खुद ना रुलाना है उनको
हंसना है खुद फिर हंसाना है उनको
कभी मत सताओ मुहौब्बत को अपनी,
सच्ची मुहौब्बत करो अपने उनको।
—— सतीश पाण्डेय, चम्पावत
जीवन में प्रेम मोहब्बत के सच्चे अर्थ को समझाती हुई कवि सतीश जी की बेहद संजीदा रचना ।
“रखो एक – दूजे में विश्वास पूरा सच में उसे ही कहेंगे मुहौब्बत।”
हर रिश्ते में विश्वास का होना ही आवश्यक है
इस सुन्दर समीक्षागत टिप्पणी हेतु हार्दिक आभार
कुछ लोग प्रेम को निम्न दृष्टि से देखते हैं और प्रेम को सिर्फ भोग-विलास का साधन समझ लेते हैं
उनको प्रेम का महत्व व सही अर्थ समझाती हुई रचना
👌👌👌👏👏👏👏
बहुत बहुत धन्यवाद
अतिसुंदर भाव
सादर धन्यवाद