मेरी छः महीने की गुड़िया
मेरी छः महीने की गुड़िया
आज लगी है स्वयं पलटने,
हूँ, हाँ, करती, हाथ उठाती
धीरे-धीरे लगी समझने।
अगर गोद मे नहीं उठाओ
तो लगती थोड़ा सा रोने,
प्यारी सी लोरी गाते ही
मीठी नींद में लगती सोने।
मम्मी का दुद्दू पीती है,
दादी की गोदी सोती है,
दीदी की चीजों को झट से
अपने हाथों में लेती है।
जिज्ञासा हर चीज में उसकी
सब कुछ मुँह में ले जाती है,
इधर घुमाओ, उधर घुमाओ
नहीं घुमाओ तो रोती है।
Very nice
Thank you ji
बहुत ही सुंदर पंक्तियाँ लिखी हैं आपने, इस लेखनी को सलाम है।
Thanks ji
बेहतरीन प्रस्तुति
सादर धन्यवाद
बहुत सुंदर भाव
सादर आभार सर
Atisunder
बहुत सारा धन्यवाद
शानदार, लेखनी
सादर धन्यवाद
Nice
Thanks
Khubsurat kavita
Thanks
बहुत खूब
Thanks