” मेरे अल्फाज़ “

महफ़िल – ए – यारोँ में , थोड़ा अलग दिखा देते हैँ …..

मुझे , मेरे अल्फ़ाज ……

फितरत बता देते हैं , मेरी ….

मेरे अल्फ़ाज …..

मैं इंसान हूँ तो जायज़ हैं , नफ़रत मैं भी कर लूँ …..

लेकिन हर मरतबा मोहब्त जता देते हैं …….

मेरे अल्फ़ाज …..

 

पंकजोम ” प्रेम “

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