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मेरे रकीबों के साथ

वो बैठते हैं आजकल
मेरे रकीबों के साथ
जिनके हाथों में
रहता था मेरा हाँथ
बुरा नहीं लगता है मुझे पर
अच्छा भी नहीं प्रतीत होता है
क्या करूँ दिल
दिल ही दिल में रोता है
कर कुछ भी नहीं सकती
बड़ी मुश्किल में
रहती हूँ
अश्रु बहते नहीं
आजकल पीती रहती हूँ

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