मेहनत कर ले मेहनत कर ले
होगा सफल एक दिन निश्चित
मेहनत कर ले मेहनत कर ले,
मेहनत ही है राह शिखर की,
सच्चे मन से मेहनत कर ले।
सच्चा यत्न किया है जिसने
फल पाया है निश्चित उसने,
तू भी पाने को आगे बढ़
सच्चे मन से मेहनत कर ले।
दृढ़ प्रतिज्ञारत यदि होगा,
कुछ भी कठिन नहीं मानेगा,
जीतेगा मनचाही बाजी
सच्चे मन से मेहनत कर ले।
श्रम और प्रयास ये दोनों
आगे बढ़ने की कुंजी हैं,
बिना थके परिश्रम किये जा
मंजिल को कदमों में कर ले।
आलस छोड़ अभी से जुट जा
भाग्य भरोसे मत रह तू,
दिया नहीं ईश्वर ने मत कह
अपने दम पर हासिल कर ले।
उन्नति की कल्पना अगर
करनी है तो मेहनत कर ले,
एक भी क्षण बेकार गंवा मत
उद्यम कर आगे बढ़ ले।
बहुत अच्छा संदेश, बहुत अच्छी लय। प्रेरित करती कविता
बहुत ही लाजवाब सर
बहुत सुन्दर
कवि सतीश जी की मेहनत और कार्य की लगन की महत्ता को दर्शाती हुई बेहद खूबसूरत रचना। उत्साह वर्धन करती हुई
बेहद शानदार प्रस्तुति
बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति
अच्छी सोंच
अतिसुंदर