Site icon Saavan

मैं तेरे बाद हूँ

तू मेरे पहले,
मैं तेरे बाद हूँ
ये शर्त भी है हार जीत
कौन किसके साथ है
जज़्बात से छूटकर,
लब खोल बोल तू
ये हालात किसके साथ
कौन अब आजाद है
इश्क भी एक रस्म है
निभा सको तो थाम लो
ये कौन है किसके लिए
यह भी तो जान लो
जिन्दगी बड़ी दूर की
ये समझ कर छोड़ दो
क्या करना है ये तय करो
राह अपनी मोड़ लो

-मनोज कुमार यकता

Exit mobile version