मोर नजर
तै कहूँ जा
मोर आँखि के आघू म रैबे
भले तोला लागहि कोनो नई देखत हे
पर तय का जानिबे
मोर नजरे नजर म झूलत रथस
कभू मोर पीठ म छुरा झन घोपबे
प्रेम म कैबे त अपन जीव दे दह
अउ सीना जोरी करबे त
जी ले लह
काबर कि
तै मोर आँखि के आघू म हस
सबे दिन मोर नजर म हस
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Pragya Shukla - June 29, 2020, 4:00 pm
👏👏
Abhishek kumar - July 10, 2020, 11:01 pm
👌👌
Satish Pandey - July 11, 2020, 1:27 pm
Nice
Abhishek kumar - July 31, 2020, 2:18 am
क्षेत्रीय भाषा का सुंदर प्रयोग करते हुए रचना