मौसम
जय-जय शिव शंकर
सर्दी हुई भयंकर
जय-जय बम भोले,
गिरने लगे हैं ओले
आई तेजी से बरखा रानी,
झमाझम बरसा पानी
सर्दी से कांपे है तन,
निकला सा जाता है दम
ऐसे मौसम में हाए
गरम चाय बड़ी सुहाए
______✍️गीता
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Pt, vinay shastri 'vinaychand' - January 5, 2021, 2:58 pm
वाह बहुत खूब
Geeta kumari - January 5, 2021, 3:28 pm
सादर आभार भाई जी🙏
Satish Pandey - January 5, 2021, 9:34 pm
ठंड में चाय की जरूरत को बहुत खूबसूरती से प्रस्तुत लिया गया है। अति उत्तम रचना
Geeta kumari - January 5, 2021, 10:04 pm
आपकी दी गई सुन्दर समीक्षा हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद सतीश जी
MS Lohaghat - January 5, 2021, 10:56 pm
बहुत खूब
Geeta kumari - January 6, 2021, 10:05 am
बहुत-बहुत धन्यवाद सर