यह दिशा नहीं राजनीति की
यह दिशा नहीं राजनीति की
पीड़ित परिवार के घर जाओ
यह दिशा नहीं राजनीति की
रेप जैसी घटना पर राजनीतिक
रोटियां सेकों
यह दिशा नहीं राजनीति की
घर में ही नजरबंद करो
यह दिशा नहीं राजनीति की
मीडिया को ना मिलने दो
यह दिशा नहीं राजनीति की
क्या छुपाना था जो रात को ही
जला दिया उस लड़की को
पर्दा डालने के लिए चंद
पुलिसवालों सस्पेंड किया
यह दिशा नहीं राजनीति की…
वर्तमान राजनीति की दिशा पर सटीक कविता है यह। कवि प्रज्ञा जी आपके द्वारा बहुत ही बारीकी से समसामयिक घटनाओं के दृष्टिगत राजनीति का वास्तविक चेहरा प्रस्तुत किया है बहुत खूब। पंक्तियाँ बीच बीच में अनुप्रास से अलंकृत हैं। अतिसुन्दर रचना
जी भाई धन्यवाद इतने ढंग से पढ़ने के लिए
अति सुंदर लेखनी
tq
राजनीति के बारे में यथार्थ चित्रण प्रस्तुत करती हुई सुंदर प्रस्तुति ।
Thanks di
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
Thanks