Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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मैं हूँ नीर, आज की समस्या गंभीर मैं सुनाने को अपनी मनोवेदना हूँ बहुत अधीर , मैं हूँ नीर जब मैं निकली श्री शिव की…
पर्वत
ऊँचे ऊँचे पर्वत , पर्वत पर ये रास्ते किसने बनाये ये सब, और बनाये किसके वास्ते -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
कोरोना वायरस काल २०२०
कोरोना वायरस काल २०२० —– — —— – ———— कोरोनावायरस दुनिया को अपने आगोश में लेता जा रहा था बात अप्रैल माह की कर रहा…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
क्यों सत अंतस दृश्य नहीं
सृष्टि के कण कण में व्याप्त होने के बावजूद परम तत्व, ईश्वर या सत , आप उसे जिस भी नाम से पुकार लें, एक मानव…
Sundar
Dhanyawad
वाह
Good