ღღ__दिल तो करता है कभी-2, तेरी यादों को ज़हर दे दूँ साहब;
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फिर सोंचता हूँ, भला ये भी, कोई उम्र है ख़ुदकुशी करने की!!….#अक्स
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Categories: शेर-ओ-शायरी
Ankit Bhadouria
A CA student by studies, A poet by passion, A teacher by hobby and a guide by nature. Simply I am, what I am !!
:- "AkS"
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bht-2 shukriya!!
bht-2 shukriya Panna ji
Good
शानदार प्रस्तुति