भागता है
आज भी मन
उस सुहानी राह पर,
होती ठिठौली और हँसी की ..
गूँज
जो हर बात पर,
मिल बैठ कर..
जब यार खोले
पोल जो हर बात की ..
जुम्ले है सारे याद ..
जो चल रहे थे
रात भर ||
भागता है
आज भी मन
उस सुहानी राह पर,
होती ठिठौली और हँसी की ..
गूँज
जो हर बात पर,
मिल बैठ कर..
जब यार खोले
पोल जो हर बात की ..
जुम्ले है सारे याद ..
जो चल रहे थे
रात भर ||