ये जिंदगी..
सरल नहीं है ये जीवन,
पर कठिन भी नहीं है इसे समझना
जिस तुला पर तौलते हो औरों को तुम,
किसी दिन उसी तुला पर,
स्वयं को भी तौलना
कभी जिंदगी का हंसाना,
कभी पाली गलतफहमियां तो
जिंदगी का यूं रुलाना
कभी सज़ा है ये जिंदगी,
कभी मज़ा है ये जिंदगी
कभी भूल गए ग़म अपने,
कभी देखें हम कई सपने
कभी बिखरती हैं ख्वाहिशें
कभी मिलती मुबारक रौशनी
कभी आंसुओं से भरी हुई ,
कभी सुबह सी निखरी हुई
जिंदगी उलझन भी है,
सुलझाओ तो सुलझन भी है
कभी जल गए किसी के अरमान,
कभी जल बरस के पूरे हुए
कभी तपिश मिले जिंदगी से,
कभी ठंडक का हो एहसास,
कभी गुलशन सी लगे ज़िंदगी,
कभी लगे खुशियों की तलाश
मत जाना गुलशन में कभी,
कांटे है बस अपनापन लिए,
किस-किस को सुनाऊं दिल के अफसाने,
कौन बैठा है फुरसत के क्षण लिए
_____✍️गीता
बहुत खूब और सत्य कहा आपने अति उत्तम
बहुत बहुत धन्यवाद प्रज्ञा
वेलकम
खूबसूरत अभिव्यक्ति
बहुत बहुत धन्यवाद सर
अतिसुंदर भाव
बहुत-बहुत धन्यवाद भाई जी
सरल नहीं है ये जीवन,
पर कठिन भी नहीं है इसे समझना
जिस तुला पर तौलते हो औरों को तुम,
किसी दिन उसी तुला पर,
स्वयं को भी तौलना..
वाह वाह बहुत खूब दी👌👌👏👏👏
सदस्य व आलोचक बनने पर बधाई हो
समीक्षा और बधाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया विवेक भाई
Wao, very nice
Thank You