ये दुनियां
होते ना अगर तुम,
तो छोड़ देते ये दुनियां
हम कभी की….
वो हंस दिए, और बोले,..
तो हम हैं ना,
ना कहना ..,ये अब कभी भी..
*****✍️गीता*****
होते ना अगर तुम,
तो छोड़ देते ये दुनियां
हम कभी की….
वो हंस दिए, और बोले,..
तो हम हैं ना,
ना कहना ..,ये अब कभी भी..
*****✍️गीता*****
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बहुत ही उम्दा। आपकी कविताओं की बात ही शानदार है, वाह जी वाह
सादर धन्यवाद सर , बहुत बहुत आभार 🙏
अत्यंत बेहतरीन पंक्तियाँ, यूँ ही लिखते रहें।
आपकी टिप्पणी और प्रेरणा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद पीयूष जी.
सुंदर अभिव्यक्ति
बहुत बहुत धन्यवाद प्रतिमा जी
अतिसुंदर भाव
सादर धन्यवाद भाई जी बहुत बहुत आभार 🙏
लेखनी में अत्यंत प्रखरता है। जो भी अंकना हो रही है स्तरीय हो रही है। इसी प्रतिभा को हम सैल्यूट करते हैं। keep it up
आपकी इस बहुमूल्य समीक्षा के लिए अभिवादन सर । आपकी समीक्षाएं सदैव ही मेरा मार्ग दर्शन करती हैं । बहुत सारा धन्यवाद🙏
बहुत ही शानदार
आपकी इस शानदार टिप्पणी का बहुत बहुत आभार 🙏 कमला जी