योग करें

आज कल के इस माहौल में, जहां जिम (व्यायाम – शालाएं) बंद हो चुकी है। तो हमें घर पर ही योगाभ्यास करना चाहिए।इसी संदर्भ में मेरी एक प्रस्तुति……

योग करें, सब योग करें
रहने को निरोग करें।
नकारात्मक विचारों से दूर रहें सदा,
नकारात्मकता, का विरोध करें।
योग करें सब योग करें……
हो सके तो रोज़ करें।
हर बीमारी भी मिट जाएगी,
तेरी हस्ती भी खिल जाएगी।
ईश्वर ने मानव जन्म दिया,
इतना सुंदर जीवन दिया।
मुक्त इसको रखो रोग से,
संभव होगा , ये योग से।
अवसाद, घृणा सब दूर भगे,
अंतर्मन भी शुद्ध लगे।
मन- मस्तिष्क सब खुल जाते हैं,
दूषित विचार भी धुल जाते हैं।
मेरे अनुभव का उपयोग करें,
योग करें सब योग करें।

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Responses

  1. मन- मस्तिष्क सब खुल जाते हैं,
    दूषित विचार भी धुल जाते हैं।
    वाह वाह, बहुत ही सुन्दर और समसामयिक कविता, भरपूर साहित्यिक सौंदर्य, वाह

    1. आपकी सुंदर और प्रेरणादायक समीक्षा के लिए कोटि – कोटि धन्यवाद। 🙏 ये मेरा उत्साह बढ़ाने में बहुत सहायक है।

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