*रंगा आसमां*

रंग दो अपने दिलों को,
कुछ इस कदर प्यार से
कि जैसे रंगा हो आसमां,
शाम की बहार से
ना कोई द्वेष हो मन में,
ना कोई दुर्भावना
स्नेह ही बरसे, चहुं ओर,
हो प्रेम की सद्भावना..

*****गीता

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