रंग बदलती दुनियाँ
गिरगिट रंग बदलता है,
यह बचपन से जाना।
साॅंप डॅंक मारता है ,
यह भी हमने माना।
शेर शिकार करके खाए,
हाथी नकली दाॅंत दिखाए ।
इनकी प्रकृति ऐसी ही है,
ये प्रकृति ने ऐसे ही बनाए ।
मगर इंसान कब रंग बदल जाए,
कब डॅंक मार कर चला जाए,
यह कोई ना जाने।
कब कर दे अपनों का ही शिकार,
नकली दाॅंत दिखा-दिखा कर,
कब चुभा दे सीने में कटार॥
_____✍गीता
यथार्थ पर आधारित सुंदर रचना
बहुत-बहुत धन्यवाद रोहित जी
बहुत खूब,वास्तविक जीवन प आधारित बहुत सुंदर रचना।
समीक्षा के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सतीश जी
बेहतरीन यथार्थ परक रचना दीदी जी
धन्यवाद अमिता